Friday, July 15, 2011

भ्रष्ट आइ ए एस जोशी की जांच पर माँगा विधानसभा में जवाब

जोशी दंपती के खिलाफ जांच में कितना समय?
http://www.patrika.com/news.aspx?id=634105

निलंबित आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी और टीनू जोशी की विभागीय जांच को एक साल हो गया। अभी और कितना समय लगेगा, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 17 जून 2010 से प्रारंभिक रूप से जांच की समय सीमा तीन माह निर्धारित की गई थी, लेकिन इस प्रकरण में समय-समय पर मिले नए तथ्यों का समावेश होने के कारण पुनरीक्षित आरोप-पत्र जारी किए गए। जांच निरंतर चल रही है। कब पूरी होगी, बता पाना संभव नहीं। सेवानिवृत्त आईएएस निर्मला बुच जांच कर रही हैैं। जीवन निर्वाह भत्ते के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि दोनों अधिकारियों को प्रतिमाह 49333 रूपए प्रदान किए जा रहे हैं।

घटिया चावल पर माँगा मंत्री से जवाब

भोपाल। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राशन की दुकानों से घटिया चावल देने का आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला भाजपा विधायक गिरिजाशंकर शर्मा और ठाकुरदास नागवंशी ने उठाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारकों को अच्छी किस्म के क्रांति चावल की जगह दोयम दर्जे का चावल दिया जा रहा है।

जबकि मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की ओर से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को अच्छी किस्म का क्रांति धान दिया जाता है। नियम यही है कि धान की प्रोसेसिंग के बाद चावल उपभोक्ताओं को दिया जाए। लेकिन हो यह रहा है कि अच्छी किस्म का धान तो अवैध रूप से बाजार में बेच दिया जाता है और बाजार से घटिया गुणवत्ता का मोटा चावल खरीद कर राशन की दुकानों के माध्यम से बांटा जा रहा है।

सदस्यों ने कहा कि मार्कफेड धान से चावल की प्रोसेसिंग जिन अनुबंधित मिलों से बता रहा है उनमें से अधिकांश या तो बंद पड़ी हैं या उनके पास ऐसा करने के लिए जरूरी लाइसेंस ही नहीं है। यही कारण है कि होशंगाबाद की बनखेड़ी मिल की क्षमता से अधिक प्रोसेसिंग सरकारी रिकार्ड में दिखाई जा रही है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन ने इन आरोपों को गलत बताया। 

http://www.bhaskar.com/article/mp-bpl-being-given-to-the-poor-cheap-rice-that-side-2256148.html?ZX3-UPD=

विधानसभा में उठाये अतिक्रमण के मुद्दे

भोपाल। राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि राजधानी में 135 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण है। इन जमीनों पर दस बिल्डरों का कब्जा है।
यह जानकारी विधानसभा में बुधवार को होशंगाबाद के विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के प्रश्न पर राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा ने लिखित जवाब में दी। वर्मा ने सदन को बताया कि इन जमीनों को सरकार खाली कराने की कोशिश कर रही है। इनमें से कई मामले न्यायालय में लंबित हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहणी ने कहा कि अगर न्यायालय का फैसला सरकार के पक्ष में होता है तो उस पर बने मकान मालिकों को नुकसान होगा और यदि बिल्डर के पक्ष में निर्णय हुआ तो सरकार के हाथ से जमीन चली जाएगी। रोहणी ने कहा कि सरकार को इसको लेकर कोई नियम या नीति बनाना चाहिए।

http://www.bhaskar.com/article/mp-bpl-264-million-over-the-land-2262247.html?ZX3-UPD=

होशंगाबाद इटारसी में एक ही नारा | गिरिजा शंकर में विश्वास हमारा ||

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